लेखनी अफसोस -07-Mar-2023

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अफसोस अपनी तो हर एक मोहब्ब्त ही बेपनाह रही दोस्ती हो या चाहत सामने से लापरवाह रही हमने जब खोल कर रख दिये जख्म अपने महफ़िल में हर ओर से बस ...

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